अगस्त्य (हल्की, धीमी आवाज़ में, जैसे खुद से कह रहा हो):"मुझे भी हुआ था... जब कल रात... तुम..."रात्रि (एकदम ...
प्रकृति ने दवाई उठाई और ज़मीन पर दे मारी। ट्यूब टूटकर एक कोने में जा गिरी।रिधान की आँखें खुली ...
"नहीं....! नहीं........! ये सच नहीं हो सकता!" — रात्रि चीख पड़ी।उसकी आवाज़ इतनी तीखी थी कि पेड़ों पर बैठे ...
दिल्ली की वो सुबह ठंडी थी, पर हल्की नहीं।सर्द हवाओं ने शहर को ढक रखा था, जैसे किसी पुराने ...
प्रकृति ने दवाई उठाई और ज़मीन पर दे मारी। ट्यूब टूटकर एक कोने में जा गिरी।रिधान की आँखें खुली ...
रात्रि ऑफिस पहुंचीअर्जुन: "मिस मित्तल आप आ गईं, चलिए हमें निकलना है!"रात्रि: "पर कहां?"अर्जुन: "आज से शूटिंग शुरू हो ...
अगली सुबह... ऑफिसप्रकृति अपने डेस्क पर बैठी थी, पर उसका मन अब भी पिछली रात में उलझा हुआ था।कल ...
सब अपने-अपने ऑफिस पहुंच चुके थे।रात्रि घर लौटी तो उसके चेहरे पर थकान के साथ-साथ वो डर और उलझन ...
प्रकृति की आवाज़ में जो डर था, उस एक शब्द — "Mr. Raghuvanshi… रुक जाइए…" — ने रिध्दान के ...
सबकी नजर महल के बाहर मैन गेट पर गई। अगस्त्य रात्रि को अपनी मजबूत बाहों में उठाए चला आ ...